RashtriyaEkta - 20-01-2024

पीरियड्स में महिलाओं को इन बातों का रखना चाहिए खास ध्यान, हेल्थ एक्सपर्ट से जानिए सबकुछ

नई दिल्ली: पीरियड्स के दौरान महिलाओं को अपना खास ध्यान रखना पड़ता है. खासकर, उन्हें अपनी डाइट पर ज्यादा ख्याल रखना पड़ता है. ये एक ऐसा समय है, जिस दौरान महिलाएं थोड़ी वीकनेस भी फील कर सकती हैं. हेल्थ एक्सपर्ट्स हमेशा इसी बात पर जोर देते हैं कि ऐसे समय के दौरान प्रोसेस्ड या जंक फूड को बिल्कुल भी नहीं छूनी चाहिए. इस समय पोष्टिक और हेल्दी आहार ही लेना चाहिए, जो शरीर को बेहतर पोषण प्रदान करने के साथ दर्द में भी कारगर होता है.

मासिक धर्म के दौरान महिलाओं के शरीर में कई सारे हार्मोनल बदलाव भी होते हैं, जिसका असर उनके मूड पर भी पड़ता है. फिटनेस और न्यूट्रिशियन एक्सपर्ट रोहित शेलातकर का कहना है कि इस समय में लाइट डाइट को ही फॉलो करना चाहिए. अपने खाने मेंतेल, मिर्च-मसाले वाला खाना पूरी तरह अवॉइड करना चाहिए. आइए जानते हैं कि पीरियड्स में महिलाओं की डाइट कैसी होनी.

पहली अवधि में: किशोर लड़कियों को पहली अवधि के दौरान हो रहे शारीरिक परिवर्तनों का सामना करने में फलो, सब्जियां और साबुत अनाज काफी मददगार हो सकते हैं. नमक, नमकीन फूड और प्रोसेस्ड शुगर को कम खाएं. इस दौरान दूध, दही, पनीर और चीज़ को खाया जा सकता है.

महिलाओं के लिए: महिलाओं को हाई फाइबर डाइट से फायदा होता है. बेरीज, साबुत अनाज, नट्स और मसूर की दाल पोषक तत्वों से भरपूर होती है. इसके अलावा, महिलाओं को फिश और पनीर भी डाइट में शामिल करना चाहिए. इर्रेगुलर पीरियड्स की दिक्कत को दूर करने के लिए महिलाएं फिजिकल एक्टिविटी में भी हिस्सा लें.

डार्क चॉकलेट: डॉर्क चॉकलेट मैग्नीशियम का एक अच्छा स्रोत मानी जाती है. इसे खाने से शरीर में सेरोटोनिन हार्मोन को पैदा होता है, जो पीरियड्स पेन को कम करने में मदद करता है. इसके अलावा, ये मूड बूस्टर का नाम भी करती है.

सैल्मन फिश: सैल्मन फिश खाने से पीरियड्स से जुड़ी दिक्कतों को दूर किया जा सकता है. इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड भरपूर होता है, जो मांसपेशियों को आराम देने के साथ-साथ दर्द से राहत देती है. वेज डाइट फॉलो करने वाली महिलाएं अखरोट, एवोकाडो, कद्दू के बीज खा सकती हैं.

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चुनें सही अंडरवियर 

पीरियड्स के समय कंफर्टेबल अंडरवियर चुनें। जिसमें कॉटन के अंडरवियर बेस्ट होते हैं। जो पसीने को आसानी से सोख लेते हैं। 

पैड बदलते रहें
पीरियड के दौरान फ्लो के हिसाब से समय-समय पर सैनिटरी पैड, टैम्पून या मेंसुरेशन कप को बदलते रहें। आमतौर पर हर 4 से 6 घंटे में पैड या टैम्पून बदलना सही रहता है।

हाथ साफ रखें
पीरियड्स के दौरान मेंसुरेशन प्रोडक्ट्स के हर इस्तेमाल से पहले और बाद में हाथों को अच्छी तरह साबुन से धोना जरूरी है।  ऐसा करने से आप बैक्टीरिया के ग्रोथ को रोका जा सकता है। 

सही मेंसुरेशन प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल
पीरियड्स के दौरान ऐसे प्रोडक्ट्स को चुनें जिसमें आप कंफर्टेबल हों। कुछ महिलाएं सैनिटरी पैडस इस्तेमाल करती हैं, तो वहीं कोई टैम्पूनन्स, तो कोई मेंस्ट्रुअल कप में। 

गंध भी हो सकता प्रॉब्लम का इशारा
पीरियड में निकलने वाले ब्लड फ्लो में हल्की गंध होना नॉर्मल है। लेकिन, अगर ये गंध बहुत तेज है, तो यह इंफेक्शन का भी इशारा हो सकता है। तो ऐसे में डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

सैनिटरी पैड को सही से डिस्पोज करना
इस्तेमाल के बाद मेंसुरेशन प्रोडक्ट्स को सही तरीके से डिस्पोज करना भी बहुत जरूरी है। उन्हें पेपर या रैपर में लपेटकर कूड़ेदान में डालें। 

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