May 05, 2024

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RashtriyaEkta - 23-04-2024

किसानों के लिए खुशखबरी: सोयाबीन की नई किस्म हुई तैयार, एक हेक्टर में होती है 38 क्विंटल तक पैदावार!

Soybean Ki New Kism : कम वर्षा और रोगों से परेशान सोयाबीन किसानों के लिए खुशखबरी! इंदौर कृषि विकास केंद्र के वैज्ञानिकों ने सोयाबीन की एक नई किस्म NRC 152 विकसित की है जो कम पानी में जल्दी पककर अधिक पैदावार देती है। भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान, इंदौर द्वारा विकसित सोयाबीन की उन्नत किस्म NRC 152, कम समय में अधिक पैदावार देने के लिए जानी जाती है। यह किस्म 90 दिन में पककर तैयार हो जाती है और प्रति हेक्टेयर 38 क्विंटल तक का उत्पादन दे सकती है।

NRC 152 विशेष रूप से गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र राज्यों के लिए उपयुक्त है। यह कीट प्रतिरोधी और रोग प्रतिरोधी होने के साथ-साथ सोयाबीन की प्राकृतिक गंध के लिए जिम्मेदार लाइपोक्सीजिनेज एसिड 2 से भी मुक्त है।

NRC 152 की विशेषताएं:

90 दिन में तैयार: यह किस्म बुवाई के बाद केवल 90 दिन में तैयार हो जाती है, जो कि अन्य किस्मों की तुलना में कम समय है। कम पानी की आवश्यकता: इस किस्म को कम पानी की आवश्यकता होती है, जो सूखे या कम वर्षा वाले क्षेत्रों के लिए आदर्श है।

रोग प्रतिरोधी: यह किस्म सोयाबीन की प्रमुख बीमारियों के प्रति प्रतिरोधी है, जिससे उत्पादन में वृद्धि होती है।

अधिक पैदावार: NRC 152 अधिक पैदावार देती है, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होती है।

किसानों के लिए लाभ:

NRC 152 किसानों को कम पानी में अधिक पैदावार प्राप्त करने में मदद करती है, जिससे उनकी लागत कम होती है और मुनाफा बढ़ता है। यह किस्म सूखे और कम वर्षा वाले क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है, जहाँ सोयाबीन की खेती करना मुश्किल होता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता होने से किसानों को फसल नुकसान से बचाता है और उत्पादन में सुधार करता है।

कहां से प्राप्त करें:

NRC 152 बीज इंदौर कृषि विकास केंद्र और अनुमोदित बीज विक्रेताओं से प्राप्त किए जा सकते हैं। यह नई किस्म सोयाबीन की खेती को अधिक लाभदायक बनाने में मदद कर सकती है, खासकर कम वर्षा वाले क्षेत्रों में। NRC 152 के बारे में अधिक जानकारी के लिए, कृपया इंदौर कृषि विकास केंद्र से संपर्क करें।

यह किस्म किसानों के लिए कैसे फायदेमंद है:

कम अवधि में अधिक पैदावार: NRC 152 अन्य किस्मों की तुलना में कम समय में पककर तैयार हो जाती है, जिससे किसान कम समय में अधिक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं।
अधिक मुनाफा: उच्च पैदावार के कारण किसानों को अधिक मुनाफा होता है।
कीट और रोग प्रतिरोध: यह किस्म प्रमुख कीटों और रोगों के प्रतिरोधी है, जिससे किसानों को फसल नुकसान का कम खतरा होता है।
बेहतर गुणवत्ता: NRC 152 में तेल की मात्रा अधिक होती है और यह बेहतर गुणवत्ता वाला सोयाबीन उत्पादन करता है।

भारत में सोयाबीन का उत्पादन:

भारत सोयाबीन का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है। मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र भारत में सोयाबीन उत्पादन के प्रमुख राज्य हैं। वर्ष 2023 में भारत में 120 लाख टन से अधिक सोयाबीन का उत्पादन हुआ था। NRC 152 जैसी उन्नत किस्में भारत में सोयाबीन उत्पादन को बढ़ाने और किसानों की आय में वृद्धि करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।

अतिरिक्त जानकारी:

सोयाबीन एक महत्वपूर्ण दलहन फसल है जो प्रोटीन और तेल का एक समृद्ध स्रोत है। भारत विश्व का सबसे बड़ा सोयाबीन उत्पादक और उपभोक्ता है। सोयाबीन का उपयोग खाद्य तेल, पशु आहार, औद्योगिक उत्पादों और अन्य में किया जाता है।
 

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